ट्रस्ट विवाद गहराया ट्रस्ट मंडल एवं आदिवासी आमने सामने, आदिवासी समाज ने सर्व हिन्दू समाज की बैठक में हुई धर्मविरोधी बात का किया खंडन

माँ बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट और गोंड आदिवासी समाज के बीच चल रहा विवाद अब गहराता जा रहा है। नवरात्र की पंचमी से शुरू हुआ यह मामला अब प्रशासन और समाज के बीच लगातार बैठकें और ज्ञापन तक पहुंच चुका है। शुरुआत उस समय हुई जब पंचमी के मौके पर गोंड समाज ने पारंपरिक रूप से माँ बम्लेश्वरी मंदिर की पंचमी भेंट यात्रा आयोजित की। इस यात्रा में समाज के आंगा देव, कई बैगा और राजपरिवार से राजकुमार भवानी बहादुर सिंह भी शामिल हुए थे।परंपरा के अनुसार, समाज ने मंदिर परिसर और आसपास के सभी देवस्थानों में पूजा अर्चना की और अंत में माँ बम्लेश्वरी मंदिर के गर्भगृह के पास पहुंचा, जहां पारंपरिक पूजा-पाठ किया गया। लेकिन दूसरे ही दिन कुछ अख़बारों में यह प्रकाशित हुआ कि गोंड समाज के लोगों ने जबरन गर्भगृह में प्रवेश किया और दान पेटी लांघी। इस खबर के बाद सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ, जिसमें आंगा देव को दान पेटी लांघते हुए देखा गया। इसी वीडियो को लेकर विवाद ने तूल पकड़ा।जिसके बाद मंदिर ट्रस्ट समिति एवं सर्व हिन्दू समाज की बैठक आयोजित किया गया था जिसमे कुछ लोगो द्वारा भोले भाले आदिवासी समाज को बरगला कर धर्म परिवर्तन कर हिन्दू विरोधी होने की बात कही गयी थी

वीओ- गोंड आदिवासी महासभा के संचालक रमेश उइके ने कहा उन्होंने यह कहा कि मीडिया में गोंड समाज को हिंदू विरोधी बताना पूरी तरह गलत है। “हमारे समाज ने कभी किसी धर्म का अपमान नहीं किया है। आज भी गोंड समाज के लोग हिंदू मंदिरों में पूजा करते हैं और हर गांव में हिंदू देवी-देवताओं की स्थापना की जाती है। लेकिन ट्रस्ट और कुछ संगठनों के माध्यम से गोंड समाज और सर्व हिंदू समाज के बीच दूरी पैदा करने की कोशिश की जा रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

 

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