12, 13 व 14 अक्टूबर को समाज प्रमुखों द्वारा सामाजिक बैठक लेने के पश्चात 16 अक्टूबर को सर्व हिन्दू समाज के कार्यकर्ताओं के द्वारा एस डी एम को सौंपा जाएगा ज्ञापन
डोंगरगढ़। कुछ धर्म विरोधी विध्न संतोषी लोगों द्वारा विगत कुछ वर्षों से हिन्दू धर्मावलंबी भोले-भाले लोगों को बरगला कर धर्म विमूख करने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है । ऐसे लोगों द्वारा धर्म परिवर्तन करवा कर मतांतरण (धर्म परिवर्तन) तो किया ही जा रहा है साथ ही भोले भाले लोगों को हिन्दू धर्म के खिलाफ करने का प्रयास भी किया जा रहा है। जिसका एक ताजा उदाहरण डोंगरगढ़ के आसपास के आदिवासी समाज के कुछ लोगों को भड़का कर हिन्दू धर्म से अलग करने के प्रयास के रूप में दिख रहा है। ऐसे हिन्दू धर्म विरोधी लोगों द्वारा आदिवासी समाज के हमारे भोले भाले भाईयों को ग़लत जानकारियों को बता कर और उनके बीच दुष्प्रचार कर हमसे अलग करने प्रयास किया जा रहा है। डोंगरगढ़ में वर्षों से सभी हिन्दू धर्मावलंबी सभी समाज के लोग मित्रतापूर्ण, सामाजिक समरसता से निवास करते हुए क्षेत्र और हम सभी हिन्दू धर्मावलंबीयों की आराध्य बगलामुखी स्वरूपा मां बम्लेश्वरी देवी जी की आराधना करते हुए मंदिर परिसर एवं डोंगरगढ़ के विकास में सक्रियता से सहभागिता निभा रहे हैं।
जैसा की विदित है कि स्वर्गीय राजा विरेन्द्र बहादुर सिंह जी के द्वारा मां बम्लेश्वरी मंदिर के सम्पूर्ण व्यवस्था व संचालन हेतु सन् 1964 में श्री बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट समिति का गठन कर समिति को सौंप दिया गया था। जिसके फलस्वरूप 1971 में ट्रस्ट समिति द्वारा ट्रस्ट समिति के संचालन हेतु बनाये गये बायलाज (विधान) के अनुसार ट्रस्ट समिति का संचालन सफलतापूर्वक किया जा रहा है। ट्रस्ट समिति के गठन के पश्चात ऊपर बम्लेश्वरी मंदिर और नीचे बम्लेश्वरी मंदिर के विकास हेतु ट्रस्ट समिति द्वारा सर्व हिन्दू समाज के दान दाताओं से प्राप्त सहयोग का ही प्रतिफल है कि जहां ट्रस्ट समिति के बनने के पूर्व ऊपर मंदिर जाने हेतु सीढ़ियों तक का निर्माण नहीं हुआ था वहां आज चौड़ी चौड़ी सीढ़ियों के साथ दर्शनार्थियों के सुविधा हेतु समस्त आवश्यक व्यवस्थाएं उपलब्ध करायी जा रही है। साथ ही लोगों को ज्ञात होगा ट्रस्ट समिति गठन के पूर्व ऊपर मंदिर परिसर वर्तमान गर्भगृह से छोटा था, जिसे ट्रस्ट समिति ने सर्व हिन्दू समाज के दानदाताओं के सहयोग से विस्तार किया, जिससे दर्शनार्थियों को माता जी का सुगम दर्शन लाभ पाना सम्भव हो पा रहा है। साथ ही नीचे बम्लेश्वरी मंदिर का ट्रस्ट के गठन के पूर्व छोटा सा परिसर और सर्व हिन्दू समाज के सहयोग से निर्मित वर्तमान विशाल स्वरूप भी सभी देख रहे हैं। इसके साथ ही ट्रस्ट समिति ने जनसेवा की दिशा में कार्य करते हुए विशाल चिकित्सालय का निर्माण, रियायत दर पर एम्बुलेंस का संचालन, मुफ्त आक्सीजन सिलेंडर, सिलाई कढ़ाई प्रशिक्षण केन्द्र, पुस्तकालय, विशाल शेड व हाल, स्वर्ग रथ सहित विभिन्न जन सुविधाओं के कार्यों का संचालन भी किया जा रहा है।
ट्रस्ट समिति द्वारा ट्रस्ट गठन के पश्चात किसी भी पुरानी परम्पराओं को बंद नहीं किया गया है , परम्परा अनुरूप आवश्यक समस्त पूजन कार्य निरंतर किये जा रहें हैं। ट्रस्ट समिति गठन के समय ही स्वर्गीय राजा विरेन्द्र बहादुर सिंह जी द्वारा शहर के प्रबुद्ध नागरिकों को दिये गये निर्देश एवं सुझाव को मानते हुए ही ट्रस्ट समिति का बायलाज (विधान) बनाया गया है , आदरणीय स्वर्गीय राजा विरेन्द्र बहादुर सिंह जी द्वारा तात्कालिक प्रबुद्ध जनों को स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि उनके जीवनकाल में वे ट्रस्ट समिति के मानद सदस्य रहेंगे एवं उनके पश्चात उनके परिवार का कोई भी सदस्य ट्रस्ट समिति का सदस्य नहीं रहेगा। उनके द्वारा व्यक्त किये गये भावना के ही अनुरूप ट्रस्ट समिति के आजीवन मानद सदस्य के रूप में उनका नाम सबसे ऊपर आज तक ससम्मान अंकित किया जा रहा है। साथ ही उनके द्वारा व्यक्त किये विचार, सहमति व दिये गये निर्देश से ही ट्रस्ट समिति के बायलाज (विधान) का निर्माण किया गया था जिसे तात्कालिक सक्षम अधिकारियों द्वारा स्वीकृती प्रदान किया गया था। साथ ही स्वर्गीय राजा विरेन्द्र बहादुर सिंह जी के समय पंचमी भेंट जैसी कोई परम्परा नहीं थी यदि ऐसी कोई परम्परा होती तो राजा साहब द्वारा उस परम्परा का निर्वहन भी किया जाता और उसका उल्लेख भी ट्रस्ट समिति के बायलाज (विधान) में कराया जाता। ट्रस्ट समिति में बायलाज के अनुरूप समस्त सनातन हिन्दू धर्मावलंबी समाज के मतदाता हैं और उनके द्वारा ही ट्रस्ट समिति के सदस्यों को चुना जाता है।
सर्व हिन्दू समाज के किसी भी व्यक्ति द्वारा अपनी परम्पराओं के अनुरूप मंदिर परिसर में पूजन कार्य किये जाने पर ट्रस्ट समिति को कोई आपत्ति नहीं है परन्तु यह कार्य मंदिर परिसर के पवित्रता व नियम के अनुकुल होने पर ही स्वीकृति दी जा सकती है। माता जी हम सभी की आराध्य हैं, यहां का विकास सर्व हिन्दू समाज के सहयोग का ही परिणाम है।
मंदिर का विकास ही डोंगरगढ़ शहर और ग्रामीण क्षेत्र के विकास का आधार है। यदि मंदिर परिसर में किसी व्यक्ति या व्यक्ति समूह द्वारा किसी भी प्रकार का विवादास्पद माहौल बनाया जाता है तो उससे डोंगरगढ़ क्षेत्र का विकास कार्य तो अवरूद्ध होगा ही साथ ही मंदिर से जुड़े हजारों लोगों के व्यवसाय पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। अतः मंदिर में हम सभी के अधिकार के साथ हमारा कर्तव्य भी है कि हम यहां की पवित्रता और परम्पराओं का सम्मान करें, निर्धारित स्थल से ही पूजन कार्य करें। जिससे किसी भी अन्य हिन्दू धर्मावलंबीयों की भावनाओं को ठेस न पंहुचे। सर्व हिन्दू समाज के सहयोग से मंदिर का विकास होने के पश्चात किसी भी व्यक्ति द्वारा या कोई भी व्यक्ति समूह द्वारा एकाधिकार बताने के किसी भी प्रयास का पूरजोर विरोध सर्व हिन्दू समाज हमेशा करेगा। ट्रस्ट समिति द्वारा नवरात्र पर्व के दौरान अनाधिकृत रूप से गर्भगृह में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों के संबंध में किये गये शिकायत पर शीघ्र कार्यवाही किए जाने की मांग बैठक में उपस्थित सर्व हिन्दू समाज के समस्त प्रमुखों और समस्त संगठन प्रमुखों ने किया है।
