डोगरगढ़. नवरात्र के पावन अवसर पर शुक्रवार देर रात मां बम्लेश्वरी मंदिर में परंपरागत “दाई बमलई पंचमी भेंट” का आयोजन धूमधाम से हुआ। गोंडवाना गोंड समाज की इस ऐतिहासिक परंपरा में पहली बार खैरागढ़ राजपरिवार के राजकुमार भवानी बहादुर सिंह भी शामिल हुए। सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ जब वे माता के दरबार पहुंचे, तो आस्था के इस मंच से मंदिर प्रबंधन और ट्रस्ट व्यवस्था पर उन्होंने खुलकर निशाना साधा।
उन्होने कहा की अब समिति के संचालक मतदाता एवं डोंगरगढ़ के नागरिको को मुर्ख बना रहे है सिर्फ दिखवापन है सच्चाई कुछ ओर हैं। 
भवानी बहादुर ने कहा कि बमलेश्वरी धाम में सदियों से बैगा पूजा को प्राथमिकता दी जाती रही है। यह परंपरा उनके पूर्वजों राजा कमल नारायण के समय से चली आ रही है, लेकिन अब उन्हें और उनके वंश को दरकिनार कर दिया गया है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा “हमारे दादा ने सेवा भाव से ट्रस्ट की नींव रखी थी, सभी वर्गों को उसमें जगह मिली थी, मगर आज हम ही बाहर कर दिए गए हैं। देवी की पूजा में राजपरिवार की भूमिका को अनदेखा करना न केवल परंपरा का अपमान है बल्कि आदिवासी समाज की आस्था को ठेस पहुँचाना भी है।
राजकुमार ने आरोप लगाया कि ट्रस्ट का संचालन अब मूल भावना से भटक गया है और संस्थापक परिवार तक को महत्व नहीं दिया जा रहा। उन्होंने शासन-प्रशासन से अपील की कि चुनाव प्रणाली में सुधार लाया जाए और फाउंडर मेंबर की राय को अनिवार्य किया जाए।
चेतावनी भरे लहज़े में उन्होंने यह भी कहा कि अगर समाज को उसका हक नहीं मिला तो गोंड समाज खुद अपना अधिकार लेने को मजबूर होगा
